Right way to pick multibagger stocks for longterm in 2025 (6 EASY STEPS)

हाउ तो फाइंड मल्टीबैग्गर स्टॉकस - यह एक ऐसा क्वेश्चन है, जो हर इन्वेस्टर के माइंड में आता है, जब वो स्टॉक मार्किट में इन्वेस्ट करने की सोंचता है, की एक ऐसा स्टॉक कैसे फाइंड करें जो कुछ ही सालों में 10X होने की कपैसिटी रखता हो,  

यदि आप गूगल में इसे सर्च करेंगे तो आपको मल्टीबैग्गेर स्टॉक्स की लिस्ट तो मिल जाएगी लेकिन, उनमें इन्वेस्ट करना सही है या  नहीं, यह पता करना भी बहुत इम्पोर्टेन्ट है |   

यदि आप भी इस तरह के stocks में इंवेस्ट करके, तो आज की इस वीडियो में मैं आपको 6 ऐसे steps बताऊंगा जो आपको एक अच्छा multibagger स्टॉक find करने में काफी हेल्प करेंगे, 

इनमे से चौथे और छंटवे को समझना सबसे ज्यादा जरूरी है, तो इन्हे मिस मत करना।


🪙 [STEP 1: Find a company with High Profit Margin –

High Profit Margin यानी कोई compny अपने प्रोडक्ट को बेचकर सारे खर्चो को माइनस करने के बाद, उस प्रोडक्ट से कितना ज्यादा प्रॉफिट बना रही है। 

Simple language में: अगर कोई कंपनी ₹100 रुपये का कोई प्रोडक्ट बेचकर ₹10 रुपये बचा लेती है — तो उसका profit margin 10% है। 

जितना ज़्यादा Profit Margin, उतना ज़्यादा पैसा कंपनी के पास बचता है — और उतनी ही ज़्यादा उसकी फ्यूचर में ग्रो करने की कैपेसिटी होती है। But यह तब हो पाता है 

  1. जब उस compmy का brand strong हो 
  2. Competition limited हो 
  3. और compny अपने custmor से उस product के लिए एक premium चार्ज कर सके 

 So High Margin is a sine की कंपनी के पास प्राइसिंग पावर है | 

तो अब क्वेश्चन है की एक अच्छा Profit Margin कितना होता है? Usually अगर किसी कंपनी का नेट प्रॉफिट मार्जिन 20% या उससे ज़्यादा है — तो वो बहुत अच्छा माना जाता है।

लेकिन इतना कर लेना ही काफी नहीं है, क्यूंकि हाई मार्जिन कमाने वाली हर कम्पनी एक सी नहीं होती, कुछ कंपनियों का प्रॉफिट मार्जिन तो अच्छा होता है, लेकिन ये कम्पनिया अपनी ग्रोथ को sacrifise करती है,

क्यूंकि हाई मार्जिन कमाने वाली ज्यादातर कंपनियों के प्रोडक्ट महंगे होने कि वजह से बहुत सारे कस्टमर इन्हे अफ़्फोर्ड ही नहीं कर पाते, और इसके वॉल्यूम कम हो जाते हैं | इसलिए सिर्फ हाई मार्जिन देखना ही काफी नहीं है | 

ज्यादा Profit margin अच्छा है, पर यदि खरीदने वाले ही कम होंगे, तो क्या फायदा?

और यहीं पे आता है स्टेप 2 - 


📈 [STEP 2: find compnay with High Volume

High volume दिखाता है, कि कितने ज्यादा लोग उस कंपनी के प्रोडक्ट को खरीद रहे हैं, ऐसी कंपनियां हाई वॉल्यूम में अपने प्रोडक्ट्स को मार्किट में उतारती हैं,

और ऐसे प्राइस में बेचती हैं, जिसमे ज्यादा से ज्यादा लोग उनके प्रोडक्ट को खरीद सकें, 

इनका फोकस बहुत बड़ी पॉपुलेशन को टार्गेट करना होता है, जिससे ये हाई वॉल्यूम में प्रोडक्शन करती है। but इस बजह से बहुत सी कंपनियां अपने मार्जिन में कोम्प्रोमाईज़ करती है, 

तो फिर बात आती है की क्या देखें हाई मार्जिन या वोलुएम 

सो आपको एक ऐसी कम्पनी फाइंड करने में फोकस करना है, जो अपने प्रोडक्ट्स पर अच्छा प्रॉफिट भी कमाए और उन्हें बड़े वॉल्यूम में भी बेच पाए।

ऐसी कंपनियां ही sustainable होती हैं — और long term में wealth create करती हैं।

🚨 Cliffhanger: पर मार्जिन और वॉल्यूम देखने के बाद, एक और चीज़ है, जो बताती है — की कंपनी अपने सेक्टर में कितनी आगे है या पीछे, और यही है


👑 [STEP 3: Market Leader 

Multibagger ज़्यादातर वही कंपनियाँ बनती हैं — जो अपने sector की King होती हैं।

जैसे - मारुती सुसुकि अपने सेक्टर की लीडर कम्पनी है, but मार्जिन को कोम्प्रोमाईज़ करके, वहीँ दूसरी तरफ दूसरी तरफ एप्पल स्मार्टफोन की मार्किट में लीडर कम्पनी है वो भी बिना मार्जिन को कोम्प्रोमाईज़ किये | 

इसका मतलब एप्पल मार्जिन व volume दोनों में लीडर है | और यह एक बड़ा रीज़न है की यह दुनिया की टॉप फाइव कंपनियों की लिस्ट में है | 

सो फाइंड a compny जो -

  1. मार्जिन को कोम्प्रोमाईज़ न करे 
  2. वॉल्यूम को कोम्प्रोमाईज़ ना करे 
  3. और अपने मार्किट की लीडर भी हो 

ऐसी companies छोटी कंपनियों को पीछे छोड़ देती हैं, और खुद dominant बन जाती हैं। और इसी dominance की वजह से ये other कंपनियों से ज्यादा grow करती हैं।

📌 Pattern Interrupt : अब मान लो आपने एक ऐसी कम्पनी फंड कर ली, जिसका मार्जिन व वॉल्यूम हाई होने के साथ वो मार्किट लीडर भी है, लेकिन सवाल ये है — क्या वो हमेशा लीडर बनी रहेगी?

या फिर कोई और कंपनी आकर उसकी जगह ले लेगी?

और इसलिए इसे समझना सबसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है,


⚠️ [STEP 4: Industry Disruption को समझिए – 5:10 to 6:40]

हर industry एक cycle में चलती है, कुछ industries safe होती हैं, कुछ में अचानक बदलाव आ जाता है।

जैसे: पुराने ज़माने की CD/DVD बनाने वाली कंपनियाँ -  smartphone और streaming के आने से पूरी तरह ख़त्म हो गईं।

इसलिए ये देखना ज़रूरी है कि — आप जिस कम्पनी में इन्वेस्ट कर रहे हैं, उसकी industry stable है या disrupt होने वाली है?

जैसे - Tech, EV, या AI जैसी industries में आने वाले समय में हमेसा बदलाव होने वाले हैं।

यदि कोई कम्पनी अपने सेक्टर की मार्किट लीडर है, लेकिन ऐसी इंडस्ट्री में जो हाइली डायनामिक और तेज़ी से चेंज होने वाली हैं, तो ऐसी इंडस्ट्री में मार्किट लीडर कभी अपने आप को सिक्योर फील नहीं करेगा | 

क्योंकि जब इंडस्ट्री ही तेजी से बदल रही हो, तो किसी भी कंपनी का longtime लीडर बने रहना कठिन हो जाता है |

सो आपको ऐसी कंपनियां फंड करनी है, जो जल्दी distrupt ना हों |   


📊 [STEP 5: Operating Leverage को समझिए – 6:40 to 8:10]

Operating Leverage means — 100 परसेंट प्रोडक्ट sell ना होने पर भी, प्रॉफिट कमाने वाली कम्पनिया 

यदि कोई कम्पनि अपने 80 परसेंट प्रोडक्ट बेचकर प्रॉफ़िtable है, तो वो बाकी के २० परसेंट प्रोडक्ट्स को डिस्काउंट में बेचकर उसे अपने प्रॉफिट में जोड़ सकती है, जिससे उसका प्रॉफिट बढ़ता ही है |  

एक्साम्प्ले से समझे तो किसी मूवी थिएटर में ३०० सेटस हैं, लेकिन वो 100 सीट्स भरने पर ही प्रॉफिटेबल हो जाता है, 

तो जब उसकी 100 के बाद टिकट बिकेगी तो टेक्सेस हटाने के बाद वो उसका सीधा प्रॉफिट होगा | क्यूंकि उसकी कॉस्ट तो वही रहने वाली है |   

जब revenue बढ़ता है लेकिन खर्च वहीं रहता है — तो profit अचानक explode करता है।

और यही होता है Operating Leverage —

कम लागत में, ज़्यादा कमाई करने की ताक़त।

🧠 इसलिए जब भी किसी कंपनी में इन्वेस्ट करें, तो ये ज़रूर देखें कि उसमें operating leverage है या नहीं। 

🛍️ [STEP 6: Disposable Income और Consumption Pattern – 8:10 to 9:40]

कई बार हम मार्केट में सिर्फ fancy चीज़ों के पीछे भागते हैं —
AI, blockchain, space-tech… और इसी चक्कर में बेसिक सेक्टर्स को नज़रअंदाज़ कर देते हैं।

जबकि कुछ सेक्टर ऐसे होते हैं —
जो चाहे कुछ भी हो जाए, हमेशा बढ़ते ही रहते हैं  

💡 Examples:

  • क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल

  • म्यूचुअल फंड और स्टॉक इन्वेस्टमेंट

  • हेल्थ इंश्योरेंस

ये वो चीज़ें हैं जो हमेशा बढ़ेंगी, क्योंकि हमारे देश में:

  • लोगों की आय बढ़ रही है

  • Financial awareness बढ़ रहा है

  • और लोग अब भविष्य के लिए प्लान करने लगे हैं

🧠 और अच्छी बात ये है —
इन सेक्टर्स को समझने के लिए आपको कोई genius नहीं बनना पड़ेगा।

📈 जब लोगों की disposable income बढ़ती है, तो वो क्या करते हैं?

  • Branded सामान खरीदते हैं

  • Travel करते हैं

  • Premium services लेते हैं

  • Online खाना ऑर्डर करते हैं

  • Nykaa से स्किनकेयर लेते हैं

  • और DMart से सस्ता सामान ढूंढते हैं

✅ तो जो कंपनियां इन habits को target कर रही हैं —
जैसे DMart, Zomato, Nykaa — वो आने वाले समय में बहुत तेज़ी से grow कर सकती हैं।


🧨 Cliffhanger Ending:

अब सोचिए...

अगर आपने ऐसी company सही time पर पकड़ ली —
और फिर उस पर समय + compounding ने काम किया…

तो आपका investment कहाँ से कहाँ पहुंच सकता है?


🎯 [CTA + OUTRO – 9:40 to 10:00]

Dosto, अब आप multibagger चुनने की strategy तो समझ गए…

लेकिन असली जादू तब होता है — जब इन investments पर Power of Compounding काम करता है।

👉 अगले वीडियो में जानिए — कैसे ₹1000 धीरे-धीरे ₹1 लाख बन सकता है… सिर्फ compounding की ताकत से!

🎬 End screen में क्लिक कीजिए — और financial freedom की तरफ पहला कदम बढ़ाइए!


अगर आपको ये स्क्रिप्ट पसंद आई, तो मैं इस पर voiceover-ready version और visuals के ideas भी बना सकता हूँ। बताइए, क्या आगे बढ़ें?

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